अस्थमा या सांस फूलने की क्या है, होम्योपैथिक दवाई और उपचार

अस्थमा या सांस फूलने की होम्योपैथिक दवाई और उपचार
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अस्थमा या सांस फूलने की समस्या काफी गंभीर बन गई है, आज के समय में। इस बीमारी की वजह से लोगो को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। क्युकि सही से सांस न ले पाने में दिक्कत का सामना करना कोई आम बात नहीं है। तो इसी से जुडी बातों को हम आज के इस लेख में प्रस्तुत करेंगे कि कैसे हम अस्थमा या सांस फूलने की होम्योपैथिक दवाई और उपचार की मदद से इस बीमारी से निजात पा सकते है।

अस्थमा या सांस फूलने की होम्योपैथिक दवाई

अस्थमा या सांस फूलने की समस्या क्या है ?

अस्थमा या सांस फूलना काफी गंभीर परेशानी बन चुकी है, तो अस्थमा की समस्या क्या है इसके बारे में हम निम्न में बात करेंगे ;

  • अस्थमा की समस्या वह होती है, जिसमे हम आसानी से सांस लेने में असमर्थ होते है।

  • यदि आपको अस्थमा की समस्या है तो निश्चित बात है कि आपके फेफड़ों में वायुमार्ग की भीतरी दीवारें सूज सकती हैं।

  • आपको संकुचित वायुमार्ग से सांस लेने में कठिनाई के साथ आपको खांसी की समस्या हो सकती है।

सांस फूलने की समस्या से निजात पाने के लिए आप जालंधर में होम्योपैथिक डॉक्टर से जरूर सम्पर्क करे।

अस्थमा की समस्या उत्पन होने पर किन बातो का ध्यान रखे ?

निम्न बातो का ध्यान रख के आप इस समस्या से निजात पा सकते है ;

  • सांस लेने की एक्सरसाइज करें, इसमें आपको नाक से 2 बार सांस अंदर लेना है, फिर होठो से 1 से 4 तक गिनते हुए बहार निकालना है।

  • पेट से गहरी सांस लें।

  • ब्लैक कॉफी का सेवन करें।

  • अदरक का सेवन जरूर करें, क्युकि इसके सेवन से सांस मार्ग में रुकावट पैदा करने वाले आरएसवी वायरस से लड़ने की क्षमता पैदा होती है।

अस्थमा उत्पन होने पर कुछ बातो का ध्यान रख के इसके उपचार को करवाने के विकल्प के तौर पर आप दिल्ली में बेस्ट होम्योपैथिक क्लिनिक का चुनाव भी कर सकते है।

अस्थमा में कौन सी जीवनशैली का रखे ध्यान ?

निम्न जीवनशैली को ध्यान में रख के आप अपने आप को सुरक्षित रख सकते है ;

  • नियमित चिकित्सा जांच: सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलें और नियमित रूप से अपने अस्थमा की निगरानी करें।
  • ट्रिगर्स को पहचानें: अपने अस्थमा ट्रिगर्स को पहचानें और उनके संपर्क में आना कम करें। सामान्य ट्रिगर जैसे एलर्जी (पराग, धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी), वायु प्रदूषण, धुआं, ठंडी हवा, श्वसन संक्रमण और व्यायाम।
  • स्वस्थ वातावरण: अपने आस-पास स्वस्थ वातावरण बनाए रखने का प्रयास करें। धूल, फफूंद और रसायनों जैसे प्रदूषकों के संपर्क को कम करने के लिए अपने घर को साफ और अच्छी तरह हवादार रखें। यदि आवश्यक हो तो आप एयर प्यूरीफायर का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • नियमित व्यायाम: समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए शारीरिक गतिविधि महत्वपूर्ण है। आपको दिन में कम से कम 30 मिनट नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। ऐसी गतिविधियाँ चुनें जो अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर न करें, जैसे तैराकी, पैदल चलना या साइकिल चलाना। व्यायाम करने से पहले हमेशा वार्मअप करें और बाद में ठंडा हो जाएं।
  • उचित साँस लेने की तकनीक: अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए साँस लेने की तकनीक सीखें और अभ्यास करें, जैसे कि होठों से साँस लेना और डायाफ्रामिक साँस लेना।
  • तनाव को प्रबंधित करें: अत्यधिक तनाव समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इससे अस्थमा के लक्षण भी खराब हो सकते हैं। तनाव कम करने के लिए ध्यान, योग या गहरी साँस लेने का व्यायाम करने का प्रयास करें।
  • स्वस्थ आहार: फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और दुबले प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार बनाए रखें जो अस्थमा को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।

अस्थमा के लिए होम्योपैथिक दवाइया कौन सी है ?

निम्न  अफेक्टो होम्योपैथिक  दवाइयों का प्रयोग डॉक्टर के परामर्श से जरूर ले ;

  • बोथोप्स दवाई का इस्तेमाल दसदस बूंद सुबह, दोपहर और शाम के वक्त ले। और घर से निकलते वक़्त पूरी सावधानी बर्ते।

  • आर्सेनिकम एल्बम दवाई का प्रयोग आप तब करे जब आप लेट पाने में असमर्थ हो, आपको खांसी की समस्या हो, सांस लेने में असमर्थ हो इत्यादि।

  • ब्रोमियम, की दवाई आप तब ले जब आप सांस अच्छे से न ले सके और सुखी खांसी आपको आए, घुटन की समस्या इत्यादि लक्षण दिखने पर दवाई का सेवन जरूर करे।

  • नक्स वोमिका में, छाती में ऐठन की समस्या, धीरे से सांस ले पाना, सांस फूलने की समस्या में आप इस दवाई का प्रयोग डॉक्टर के परामर्श पर ले सकते है।

एलोपैथी दवाएँ अक्सर विभिन्न प्रकार के दुष्प्रभावों के साथ आती हैं, जो इन उपचारों में उपयोग किए जाने वाले सिंथेटिक रसायनों से उत्पन्न होते हैं। ये हल्की असुविधा से लेकर गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं तक हो सकते हैं, जिससे मरीज़ इनके दीर्घकालिक उपयोग से सावधान हो जाते हैं। इसके विपरीत, होम्योपैथी प्राकृतिक पदार्थों पर आधारित है और शरीर की आंतरिक उपचार क्षमताओं को उत्तेजित करके काम करती है। होम्योपैथिक उपचार सौम्य होते हैं और आम तौर पर हानिकारक दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं, जिससे वे कई व्यक्तियों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन जाते हैं। इसके अलावा, वे न केवल लक्षणों को बल्कि बीमारियों के अंतर्निहित कारणों को भी संबोधित करके व्यापक उपचार प्रदान करते हैं, समग्र उपचार सुनिश्चित करते हैं और समय के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हैं।
कृपया ध्यान दें!

ऊपर बताई गई कोई भी दवा चिकित्सा विशेषज्ञ की देखरेख में लेना सबसे अच्छा है। इन्हें स्वयं लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रत्येक रोगी की स्थिति बहुत भिन्न होती है। यह संभव है कि कोई विशिष्ट दवा या उपाय आपकी वर्तमान स्थिति के लिए उपयुक्त नहीं है, और आपके पास वही अधिक है, जो समस्याग्रस्त हो जाता है।

आप भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर के साथ ऑनलाइन होम्योपैथी परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

निष्कर्ष :

दिल्ली में अस्थमा का इलाज करते समय, अस्थमा या सांस फूलने की समस्या से निजात पाने के लिए होम्योपैथिक दवाई और उपचार पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवाई अपनी मर्ज़ी से न शुरू करें।

अफेक्टो होमियोपैथी से संपर्क करें 978 059 7813. 

अफेक्टो होम्योपैथी 30+ से अधिक वर्षों का अनुभव रखने वाली एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक क्लिनिक की श्रृंखला है। हम 8+ शहरों में स्थित हैं और 120 से ज्यादा बीमारियों का सुरक्षित, प्रभावी और प्राकृतिक उपचार करते हैं। हमारे पास 70+ अनुभवी डॉक्टरों की टीम है जिन्होंने 500,000 से अधिक लोगों का इलाज किया है। साथ ही, हमने 56+ देशों में ऑनलाइन परामर्श की सुविधा प्रदान करते हुए उपचार पहुंचाया है

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